Tuesday 17 January 2017

तेरा चेहरा

तेरा चेहरा है आईने जैसा
क्यों न देखूँ है देखने जैसा
तुम कहो तो मैं पूछ लूँ तुमसे
है सवाल एक पूछने जैसा
दोस्त मिल जाएँगे कई लेकिन
न मिलेगा कोई मेरे जैसा
तुम अचानक मिले थे जब पहले
पल नही है वो भूलने जैसा
-पयाम सईदी

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